हिन्दू धर्म में राशियों और ग्रहों को काफी अहमियत दी जाती है. किसी भी गृह और नक्षत्र की चाल बदलने से राशियों पर गहरा असर पड़ता है. जिसके अच्छे और बुरे दोनों ही प्रभाव हो सकते हैं. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि गृह मानव जाती को सबसे अधिक प्रभावित करता है. आपको हम बता दें कि शनि देव हर ढाई साल में एक बार अपनी चाल बदलते हैं और राशियों में प्रवेश करते हैं. इसको हम शनि देव की टेढ़ी चाल भी कहते हैं. उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, वर्तमान में शनि धनु राशि में है. इसलिए आने वाली 18 अप्रैल से शनि धनु राशी के जातकों के लिए वक्रीय हो जाएगा. इसके इलावा धनु में शनी का ये स्थान 6 सितंबर तक बना रहेगा.
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार शनि देव के क्रोध से बच पाना नामुमकिन है. ऐसे में शनि देव जिन राशियों पर अपनी साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव बढ़ाते हैं, उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस बार शनिदेव फिर से अपनी चाल बदलने वाले हैं जिसका सबसे अधिक असर धनु, वृषभ, कन्या, वृश्चिक, तुला और मकर राशि पर पड़ेगा. ऐसे में इन राशियों को साढ़ेसाती के प्रभाव से बचने के लिए हम कुछ आसान उपाय बताने जा रहे हैं. इन उपायों को अपनाकर आप शनिदेव के क्रोध से खुद को बचा सकते हैं. तो चलिए जानते हैं इन उपायों के बारे में-
पहला उपाय
शनिदेव की कुदृष्टि से बचने के लिए आप हर शनिवार कुष्ठ रोगियों को भोजन करवाएं एवं उन्हें जूते-चप्पल, कंबल, तेल, कलश आदि वस्तुओं का दान करें. ऐसा करने से शनि देव आप से प्रसन्न होंगे और आप पर अपनी कृपा बनाए रखेंगे.
दूसरा उपाय
शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए आप हर शनिवार को काले कपड़े में काली उड़द, सवा किलो अनाज, कोयला एवं लोहे की कील लपेट कर किसी नदी में बहा दें. ऐसा करने से आपके दुख दूर हो जाएंगे और शनिदेव की कृपा आप पर सदैव बनी रहेगी.
तीसरा उपाय
आप हर शनिवार को राजा दशरथ द्वारा रचित शनि स्त्रोत का सच्चे मन से पाठ करें.
चौथा उपाय
शनिवार की सुबह उठकर आप सबसे पहले पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें. इसके बाद आप तिल के तेल का दीपक जलाएं और शनि देव को सच्चे मन से याद करें इससे आपके शनि दोष में कमी रहेगी.
पांचवा उपाय
शनिदेव को तेल बहुत प्रिय होता है ऐसे में आप हर शनिवार को शनि देव की प्रतिमा पर सरसों का तेल चढ़ा कर दीपक जलाएं.
छठा उपाय
किसी भी अच्छे पंडित एवं ज्योतिषी से पूछ कर आप अपनी रिंग फिंगर में नीलम का रत्न पहने.
सातवां उपाय
अपने घर में शनि यंत्र की स्थापना करें और रोज इसकी पूजा करें.
आठवां उपाय
हर शनिवार को आप शनि के 108 नामों का सच्चे मन से जाप करें.
राशि अनुसार करें ये उपाय
मेष राशि: इस राशि के जातक सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें.
वृषभ राशि: इस राशि के लोग शनि अष्टोत्तर शत-नामावली का पाठ करें
मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातक शनिवार को शनिदेव को काली उड़द की दाल चढ़ाएं.
कर्क राशि: कर्क राशि वाले शनिवार को राजा दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करें.
सिंह राशि: सिंह राशि के लोग शनि अमावस्या पर हनुमान जी को चोला चढ़ाएं.
कन्या राशि: इस राशि के लोग शनि देव के बीज मंत्रों का जाप करें.
तुला राशि: शनिदेव का अभिषेक सरसों के तेल से करें.
वृश्चिक राशि: शनिवार के दिन गरीबों को जूते-चप्पल या काले वस्त्र दान करें.
धनु राशि: संध्या के समय पीपल के पेड़ के नीचे 11 दीपक जलाएं.
मकर राशि: शनि देव के वैदिक मंत्रों का जाप करें.
कुंभ राशि: इस राशि के लोग शनि अमावस्या पर शमी वृक्ष की पूजा करें.
मीन राशि: मीन राशि के लोग शनिवार के दिन कुष्ठ रोगियों को भोजन कपड़े एवं अन्य चीजों का दान करें.