ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की चाल से हर राशि पर असर पड़ता है। सभी ग्रहों में से शनिदेव को सबसे ज्यादा प्रभावशाली मांगा गया है और इस ग्रह को न्यायधीश का दर्जा दिया गया है। मान्यता है कि ये ग्रह व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से शुभ या अशुभ फल देता है। कुंडली में शनि अगर शुभ स्थान पर होता है। तो जातक का जीवन सुखों से भर जाता है। वहीं ये ग्रह अगर अशुभ स्थान पर हो, तो जातक के जीवन में कई तरह की परेशानियां पैदा होने लग जाती हैं।
शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलता है। जिसके कारण ये ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में आने में ढाई वर्षों का समय लेता है। साथ में ही शनि जिस राशि में ढाई वर्षों तक रहता हैं। उस राशि में फिर से प्रवेश करने में इसे कुल 30 सालों का समय लग जाता है।
इस समय शनि मकर राशि में भ्रमण कर रहे हैं। जिस वजह से धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती और मिथुन और तुला राशि के जातकों पर ढैय्या लगी हुई है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जातकों के ऊपर शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू होने पर उसे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। एकदम से जातक की किस्मत बदल जाती है और उसके जीवन में दुख आना शुरू हो जाते हैं।
हालांकि हर किसी पर शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या का बुरा प्रकोप नहीं पड़ता है। कई लोगों पर इसका शुभ असर भी पड़ता है। आप पर शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या का शुभ प्रभाव है या अशुभ इसका पता आप नीचे बताए गए संकतों के माध्यम से लगा सकता हैं।
शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के शुभ संकेत
अगर शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या किसी जातक के लिए शुभ होती है। तो उस जातक को इसके संकेत मिलने लग जाते हैं। अगर आपका कोई काम एकदम से सफल हो जाए। तो समझ लें की शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या आपके लिए शुभ है।
कार्य में तरक्की मिलना, व्यापार में बरकत होना शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के शुभ होने के संकेत होते हैं।
शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। ऐसे में अगर आपको कोर्ट के चक्करों से मुक्ति मिल जाए या आप केस जीत जाएं। तो समझ लें की शनि देव आपके अनुकूल हैं।
परिवार में खुशियों का एकदम से आना, मन में सोची बात का सच होना, भी शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के शुभ संकेत माने जाते हैं।
जूते-चप्पलों का चोरी होना, शनि ग्रह के शुभ होने का संकेत होता है।
शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ संकेत
नीचे बताए गए संकेतों की मदद से शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ होने का पता चल जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब अचानक से सिर के बाल गिरने लग जाएं। तो समझ लें की आपके ऊपर शनि की छाया पड़ने लगी है और आने वाले दिन मुश्किल होने वाले हैं।
शनिदेव का अशुभ प्रभाव शुरु होने पर मन अशांत रहता है और हर समय डर लगता है। मन अनैतिक कार्यों की ओर लगने लग जाता है। जिसकी वजह से नुकसान होने शुरू हो जाते हैं।
शनि के भारी होने पर आलस आने लग जाता है और काम में रुकावटें आती हैं। इतना ही नहीं बना-बनाया हुआ काम भी बिगड़ जाता है।
जातक का चिड़चिड़ा होना, अचानक घर की दीवार का ढ़हना, अवैध प्रेम संबध बनना, पालतू जानवर की मृत्यु होना, नौकरी में अचानक से परेशानी आना भी शनि के भारी होने का संकेत होता है।
शनिवार के दिन बार-बार चोट लगना और परिवार वालों से छोटी सी बात पर लड़ाई होना भी शनि के अशुभ होने के संकेत माना जाता है।
अचानक से कोर्ट के चक्कर लगना और किसी भी बात को लेकर विवाद शुरु हो जाना।
शनि को अनुकूल बनाए रखने के उपाय
शनि देव आपको किसी तरह का नुकसान न पहुंचाए, इसके लिए आप इन उपाय को हर शनिवार के दिन जरूर करें।
मंदिर जाकर शनि देव की पूजा करें और इन्हें काली चीजें अर्पित करें। साथ में ही सरसों का तेल भी इन्हें चढ़ाएं।
जूते-चप्पलों को दान करें।
हनुमान जी की पूजा भी शनिवार को करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
शनि के मंत्रों का जाप करें।
इस दिन काली रंग की चीज को ग्रहण करें।
गरीब लोगों को खाने की चीजें दान करें।